अक्सर मेरी नींदों में क्या अब भी मुझे बुलाता है ! अक्सर मेरी नींदों में क्या अब भी मुझे बुलाता है !
इस मोह-माया के संसार से मुझे, है वो कौन ? बंधन सा। इस मोह-माया के संसार से मुझे, है वो कौन ? बंधन सा।
पर कम्पन मेरे हाथों की अल्फ़ाज़ एक भी लिख न पाएं सीने में है ग़ुबार भरा पर पन्नों पे वो किर न ... पर कम्पन मेरे हाथों की अल्फ़ाज़ एक भी लिख न पाएं सीने में है ग़ुबार भरा पर...
कि जवानी में उसे अपने माँ बाप का खाना ना पड़े। कि जवानी में उसे अपने माँ बाप का खाना ना पड़े।
ना थाह है ना ठिकाना बहते रहना मेरी कहानी ना थाह है ना ठिकाना बहते रहना मेरी कहानी
लक्ष्य स्थिर था पर मंजिल लापता। लक्ष्य स्थिर था पर मंजिल लापता।